बुबुक-संग-आँख-मिचौली-आ-गै-रे-होली

My first stab at poetry

गॉव बटी बुबूक आयो फोन, बोले नाती “दिस होली आर यू नॉट कमिंग होम” ? आज छू एकादसी, सबुल डाल हालि रंग, साँझ बटी होली गून दगडवा क संग |

मैं बोला घर का टिकेट है बहुत ज़्यादा, ऑफिस का काम भी हुआ है सिर्फ़ आधा, इस बार मैं घर नही आ पाऊँगा, होली मैं बंगलुरु में ही मनाऊँगा |

मानो मेरे शब्द उन्हे कहीं चुभ गये , बोलते-बोलते बुबू मेरे रुक गये, फिर एक पल का था सन्नाटा, मेरा भी ध्यान लॅपटॉप ने बाँटा, इससे पहले मैं रखता फोन, बुबू फिर से बोल उठे, और ग़ज़ब थी उनकी टोन|

बोले अल्मोड़ाक बाज़ार ब्योली जस छाजी रे, गली मोहल्ले में चीर लगे बँधी गे, ढोल मंजीरक संग होलो होलीक गाना, वो घर-घर होली मिलके गुजिया आलू खाना, होलियारो की टोली देलि घर-घर आसीस, भोलूं मैं लगे झुकून गोलजुक दरबार में शीश |

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मैं बोला बुबू होली तो मैं भी पहाड़ी तरीके से मनाऊँगा, यूट्यूब मे जोर-जोर से होली के गाने बजाऊँगा, भले ही याँ हम दुइ जन छुं,पर आलूक गुटुक, झोलि भात मैं भी पकाऊँगा, आपुँ उदास जन होया, आप को भी विडिओ कॉल लगाऊँगा |

आई फिर बुबू की आवाज़, पर उसमे थी कुछ अलग सी बात, बोले होली नही त्योहार सिर्फ़ आलू खाने का, ये तो है बहाना सबैक संग मिलने मिलाने का, कुछ पुराने, कुछ नये गाने गाने का, बूढ़ो-बच्चों, “एंटायर जनरेशन”, सभी के साथ आने का, सूखी-सूनी, बेजान-बेरंग सी हुई इन वादियों में, अपनो के संग होली तरह-तरह के रंग भरती है, चेली-बेटियों की हँसी-ठिठोली, सबके मन को प्रफुल्लित करती है |

बुबू की बात मे दम तो था, मे भी उन्ही का नाती हूँ, उनसे कम न था, जनता हूँ, कैसे मेरे बिना घर की होली होगी रंगीन, इसीलिए बुबू को सरप्राइज देने का बनाया ये सीन | बुबू अभी उदास हैं, टूटी उनकी आस है, पर मुझे देख उनका चेहरा खिल उठेगा, बिना अबीर-गुलाल ही, उन्हे होली का सुख मिलेगा |

सोचता हूँ, डरता हूँ क्या कभी ऐसा पल तो नहीं आएगा, जब होली में पहाड़ से कोई भी अपना नहीं बुलाएगा, पर फिर हँस कर खुद को समझाता हूँ, कोई बावला ही पहाड़ छोड़ कही और जाएगा |

Today, when Uttarakhand is facing threat of desertion, festivals like holi — when masses return back home, though for a very short while, revive the atmosphere and fill it with a new wave of energy. This poem is an attempt to capture the week long celebrations of Holi at my native Uttarakhand. I have deliberately used a mix of English, Hindi and Kumaoni, as it represents people like me who are not very fluent with Kumaoni.

Meaning of Kumaoni Words Used :

  • बुबू , बुबूक— grandfather , grandfather
  • नाती — grandchild
  • सबुल, सबैक — everyone, with everyone
  • दगडवा — friend
  • ब्योली — bride
  • जस — like
  • छाजी — decoration
  • भोलूं — tomorrow
  • चेली — daughter
Vaidic Joshi
Vaidic Joshi
Full Stack Developer & Technology Enthusiast

Full Stack Developer based in India | Founder Member of NGO Do Choti | Technology Enthusiast | Dreamer